Friday, September 11, 2009

भारत की घड़ी



एक आदमी ने
धरती से किया प्रस्थान
और यमराज के कक्ष में
घड़िया - ही - घड़िया देखकर
रह गया हैरान

हर देश की अलग घड़ी थी
कोई छोटी, कोई बड़ी थी
कोई दौड़ रही थी, कोई बन्द
कोई तेज़ थी, कोई मन्द

उनकी अलग-अलग रफ़्तार देखकर
आदमी चकराया
कारण पूछा तो यमराज ने बताया -
हर घड़ी की
उसी हिसाब से है रफ़्तार
जिस हिसाब से हो रहा है
उस देश में भ्रष्टाचार

आदमी ने
चारों तरफ़ नज़र दौड़ाई
पर भारत की घड़ी
कहीं भी नज़र आई
आदमी मुस्कराया
फिर यमराज के कान में फुसफुसाया -
'भारत वाले
भ्रष्टाचार यहाँ भी ले आये
सच - सच बताओ
भारत की घड़ी रखने के
कितने पैसे खाये'

यमराज बोले - ' बेटा
तेरे शक की सुईं
तो बिना बात उछल रही है
मेरे बैडरुम में जा के देख
पंखे की जगह
भारत की घड़ी चल रही है।'