एक आदमी ने
धरती से किया प्रस्थान
और यमराज के कक्ष में
घड़िया - ही - घड़िया देखकर
रह गया हैरान
धरती से किया प्रस्थान
और यमराज के कक्ष में
घड़िया - ही - घड़िया देखकर
रह गया हैरान
हर देश की अलग घड़ी थी
कोई छोटी, कोई बड़ी थी
कोई दौड़ रही थी, कोई बन्द
कोई तेज़ थी, कोई मन्द
उनकी अलग-अलग रफ़्तार देखकर
आदमी चकराया
कारण पूछा तो यमराज ने बताया -
हर घड़ी की
उसी हिसाब से है रफ़्तार
जिस हिसाब से हो रहा है
उस देश में भ्रष्टाचार
आदमी ने
चारों तरफ़ नज़र दौड़ाई
पर भारत की घड़ी
कहीं भी नज़र न आई
आदमी मुस्कराया
फिर यमराज के कान में फुसफुसाया -
'भारत वाले
भ्रष्टाचार यहाँ भी ले आये
सच - सच बताओ
भारत की घड़ी न रखने के
कितने पैसे खाये'
यमराज बोले - ' बेटा
तेरे शक की सुईं
तो बिना बात उछल रही है
मेरे बैडरुम में जा के देख
पंखे की जगह
भारत की घड़ी चल रही है।'